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नए टैक्स नियम से NPS, EPF और अन्य छूटों में कैसे मिलेगा लाभ, जानिए New Tax Rule

New Tax Rule सरकार ने बजट 2025 में नई कर व्यवस्था (New Tax ... Read more

New Tax Rule सरकार ने बजट 2025 में नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे करदाताओं को अधिक लाभ मिलेगा पहले, नई कर व्यवस्था में कई कर छूट और कटौतियों (Deductions) की कमी थी, जिसके कारण अधिकांश करदाता पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) को प्राथमिकता देते थे लेकिन अब सरकार ने NPS (National Pension System), EPF (Employees’ Provident Fund) और अन्य कर छूटों को शामिल करके नई कर व्यवस्था को और अधिक आकर्षक बना दिया है।

अगर आप भी यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि नई कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर है या पुरानी, तो यह जानना जरूरी है कि सरकार ने नई कर व्यवस्था में किन कटौतियों और छूटों को शामिल किया है और यह कैसे करदाताओं के लिए फायदेमंद हो सकता है इस लेख में हम नई कर व्यवस्था में हुए बदलाव, नई छूटों, और टैक्स बचाने के नए विकल्पों की पूरी जानकारी देंगे।

नई कर व्यवस्था में कौन-कौन सी कटौतियाँ जोड़ी गई हैं

पहले नई कर व्यवस्था के तहत कोई अतिरिक्त कटौती (Deductions) उपलब्ध नहीं थी, लेकिन अब सरकार ने इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए कुछ नई छूटें जोड़ी हैं।

1. स्टैंडर्ड डिडक्शन (Standard Deduction) में वृद्धि

अब नई कर व्यवस्था के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन ₹50,000 से बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया गया है।इस कटौती का सीधा लाभ वेतनभोगी और पेंशनधारी करदाताओं को मिलेगा, जिससे उनकी कर योग्य आय कम होगी और टैक्स बचत होगी।

अगर आपका वेतन ₹10 लाख है, तो नई कर व्यवस्था के तहत ₹75,000 की स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद आपकी कर योग्य आय ₹9.25 लाख हो जाएगी, जिससे टैक्स की देनदारी कम होगी।

2. NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) में कटौती

अब नई कर व्यवस्था में NPS (National Pension System) में नियोक्ता के योगदान पर कर छूट दी गई है अगर आपका नियोक्ता आपकी बेसिक सैलरी का 14% (सरकारी कर्मचारी) और 10% (निजी कर्मचारी) NPS में योगदान करता है, तो यह पूरी तरह से कर मुक्त होगा।

पहले यह छूट केवल पुरानी कर व्यवस्था में उपलब्ध थी, लेकिन अब नई कर व्यवस्था को आकर्षक बनाने के लिए इसे इसमें भी जोड़ा गया है।

3. EPF (इंप्लॉयी प्रोविडेंट फंड) में कर छूट

नई कर व्यवस्था के तहत, यदि कोई नियोक्ता कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में 12% योगदान करता है, तो यह पूरी तरह से कर मुक्त होगा इससे नौकरीपेशा लोगों को टैक्स बचाने और दीर्घकालिक बचत करने में मदद मिलेगी।

4. HRA (हाउस रेंट अलाउंस) पर छूट

अब नई कर व्यवस्था में HRA (House Rent Allowance) पर भी कर छूट दी गई है यदि कोई वेतनभोगी व्यक्ति किराए के मकान में रहता है, तो वह HRA कटौती का लाभ उठा सकता है, जिससे कर योग्य आय कम होगी।

पहले यह सुविधा केवल पुरानी कर व्यवस्था में उपलब्ध थी, लेकिन अब नई कर व्यवस्था में भी इसे जोड़ा गया है।

नई कर व्यवस्था क्यों ज्यादा फायदेमंद हो सकती है

पहले नई कर व्यवस्था को ज्यादा लोग अपनाने से बच रहे थे, क्योंकि इसमें 80C, 80D और HRA जैसी छूटों की अनुमति नहीं थी लेकिन अब सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन, NPS, EPF, और HRA जैसी कटौतियों को शामिल कर दिया है, जिससे यह पहले से अधिक लाभकारी हो गई है।

नई कर व्यवस्था में टैक्स स्लैब भी सरल और कम हैं, जिससे करदाताओं को कम टैक्स देना होगा उदाहरण के लिए, ₹7 लाख तक की आय पर अब कोई टैक्स नहीं लगेगा, क्योंकि ₹7 लाख तक की आय पर रिबेट (Rebate) दिया गया है।

अगर आपकी सालाना आय ₹10 लाख है, तो नई कर व्यवस्था के तहत टैक्स का बोझ कम होगा, क्योंकि अब इसमें कई कटौतियाँ जोड़ी गई हैं।

नई कर व्यवस्था अपनाने से पहले क्या सोचना चाहिए

अगर आप यह तय कर रहे हैं कि नई कर व्यवस्था को अपनाना चाहिए या पुरानी को बनाए रखना चाहिए, तो आपको अपनी सालाना आय और टैक्स बचाने के लिए ली जाने वाली छूटों का आकलन करना होगा।

  1. अगर आप कई निवेश योजनाओं में पैसा लगाते हैं और टैक्स कटौती का लाभ उठाते हैं, तो पुरानी कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है।
  2. अगर आप सरल टैक्स प्रणाली चाहते हैं और कई कटौतियों का दावा नहीं करना चाहते, तो नई कर व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है।
  3. नई कर व्यवस्था उन लोगों के लिए ज्यादा लाभदायक होगी, जिनका निवेश कम है और जो बिना किसी अतिरिक्त डॉक्युमेंटेशन के कम टैक्स देना चाहते हैं।

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