Bank FD New Rule फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भारतीय निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित और लोकप्रिय निवेश विकल्पों में से एक है यह न केवल सुरक्षित रिटर्न प्रदान करता है, बल्कि बैंकिंग नियमों के तहत निवेशकों को निश्चित ब्याज दर का भी लाभ मिलता है लेकिन बैंक एफडी से जुड़े नए नियमों में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिनका असर निवेशकों पर सीधा पड़ेगा।

अगर आप बैंक में एफडी करवाने की योजना बना रहे हैं या पहले से कोई फिक्स्ड डिपॉजिट खाता चला रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि आरबीआई (RBI) द्वारा लागू किए गए नए नियम क्या हैं और वे आपके निवेश को कैसे प्रभावित करेंगे इस लेख में हम बैंक एफडी के नए नियमों, निकासी के नए प्रावधानों और ब्याज दरों से जुड़े बदलावों की पूरी जानकारी देंगे।
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बैंक एफडी के नए नियम 2025 क्या हैं
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने फरवरी 2025 से फिक्स्ड डिपॉजिट से जुड़े नियमों में कुछ अहम बदलाव किए हैं इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य निवेशकों को अधिक सुरक्षा और लिक्विडिटी (Liquidity) यानी पैसे की तत्काल उपलब्धता प्रदान करना है।
10,000 रुपये तक की एफडी पर बिना ब्याज हानि निकासी
अब अगर कोई निवेशक ₹10,000 तक की छोटी अवधि की एफडी करवा रहा है और उसे किसी कारणवश तीन महीने के भीतर तोड़ना चाहता है, तो उस पर किसी प्रकार का पेनल्टी शुल्क नहीं लगेगा पहले, अगर कोई निवेशक अपनी एफडी को समय से पहले बंद करता था, तो उसकी अर्जित ब्याज दरों पर कटौती की जाती थी लेकिन अब छोटी राशि वाले निवेशकों को यह राहत दी गई है।
50% तक की निकासी की सुविधा
नए नियमों के तहत अब आप अपनी एफडी की कुल राशि का 50% तक बिना किसी ब्याज हानि के निकाल सकते हैं अगर आपकी एफडी में ₹5 लाख जमा हैं, तो आप ₹2.5 लाख तक की निकासी कर सकते हैं और बची हुई राशि पर ब्याज मिलता रहेगा।
हालांकि, अगर आप तीन महीने के भीतर एफडी से निकासी करते हैं, तो निकाली गई राशि पर ब्याज नहीं दिया जाएगा यह बदलाव उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जो इमरजेंसी में कुछ पैसे निकालना चाहते हैं लेकिन पूरी एफडी को नहीं तोड़ना चाहते।
मेडिकल इमरजेंसी में पूरी राशि की निकासी
अब यदि निवेशक को किसी गंभीर बीमारी या मेडिकल इमरजेंसी का सामना करना पड़ता है, तो वह बिना किसी ब्याज हानि के अपनी पूरी एफडी राशि निकाल सकता है।
पहले, यदि कोई व्यक्ति एफडी समय से पहले बंद करता था, तो उस पर पेनल्टी लगती थी और ब्याज दरें भी कम हो जाती थीं लेकिन अब, मेडिकल इमरजेंसी के दौरान निवेशक को पूरी राशि निकालने की सुविधा दी गई है।
परिपक्वता (Maturity) की पूर्व सूचना अनिवार्य
अब बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को एफडी की परिपक्वता तिथि से कम से कम 15 दिन पहले ग्राहकों को सूचित करना अनिवार्य होगा।
यह नियम उन निवेशकों के लिए फायदेमंद होगा, जो एफडी के नवीनीकरण (Renewal) या निकासी से पहले उचित योजना बनाना चाहते हैं पहले, कई निवेशकों को एफडी की मैच्योरिटी के बारे में अंतिम समय पर जानकारी मिलती थी, जिससे वे समय पर निर्णय नहीं ले पाते थे।
अब बैंक ग्राहकों को SMS, ईमेल और कॉल के जरिए पहले से सूचित करेंगे, जिससे वे समय रहते अपनी एफडी का नवीनीकरण या निकासी कर सकें।
ब्याज दरों पर होगा अधिक नियंत्रण
आरबीआई ने यह भी कहा है कि अब बैंकों को एफडी की ब्याज दरों में बार-बार बदलाव से पहले ग्राहकों को सूचित करना होगा कई बार बैंक अचानक ब्याज दरें घटा देते थे, जिससे नए निवेशकों को कम ब्याज दर पर एफडी करवानी पड़ती थी।
अब बैंकों को कम से कम 30 दिन पहले ब्याज दरों में किसी भी बदलाव की जानकारी देनी होगी, जिससे निवेशकों को बेहतर ब्याज दरों पर एफडी करने का मौका मिल सके।
बैंक एफडी के नए नियमों से निवेशकों को क्या लाभ मिलेगा?
- छोटी अवधि की एफडी पर निकासी के लिए बिना पेनल्टी शुल्क की सुविधा मिलेगी।
- 50% राशि निकालने की सुविधा से निवेशकों को इमरजेंसी में मदद मिलेगी।
- मेडिकल इमरजेंसी के दौरान पूरी राशि निकालने की अनुमति मिलेगी।
- एफडी की परिपक्वता (Maturity) से पहले बैंक ग्राहकों को सूचना देंगे।
- ब्याज दरों में बदलाव की जानकारी निवेशकों को पहले से मिलेगी।
क्या निवेशकों को अभी भी एफडी में निवेश करना चाहिए
अगर आप कम जोखिम वाला निवेश चाहते हैं और सुरक्षित रिटर्न की तलाश में हैं, तो एफडी अभी भी एक बेहतरीन विकल्प है बाजार में उतार-चढ़ाव से बचने के लिए एफडी एक स्थिर और सुरक्षित निवेश बना हुआ है।
हालांकि, अगर आप लंबी अवधि के लिए अधिक रिटर्न चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड, पोस्ट ऑफिस स्कीम्स या PPF जैसी योजनाओं में भी निवेश कर सकते हैं।
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